संस्था और संस्थान
संस्था और संस्थान
(Institution and Institute)
डॉ. रामवृक्ष सिंह, महाप्रबन्धक (हिन्दी),
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक, प्रधान कार्यालय, लखनऊ. फोन
7905952129
अनुवाद करते समय, प्रमादवश ज्यादातर अनुवादक अंग्रेजी के दो शब्दों institute और institution का अनुवाद
कभी संस्था तो कभी संस्थान के रूप में कर देते हैं। यदि कोई उनसे पूछे कि दोनों
में क्या अन्तर है, तो वे शायद ही बता पाएँ। अधिक संभावना इस बात की है कि वे
कहेंगे कि दोनों एक ही तो हैं।
इन
दोनों शब्दों की व्युत्पत्ति में न जाकर केवल व्यवहार-सिद्धता के आधार पर विचार
करें तो भी हम पाते हैं कि दोनों बहुत भिन्न अर्थों में इस्तेमाल होते हैं।
अंग्रेजी
बहुत-ही समृद्ध भाषा है और इसमें शब्दों की प्रचुरता है। अंग्रेजी में institute शब्द संज्ञा
के रूप में इस्तेमाल होने पर किसी शैक्षिक अथवा अनुसंधान संस्थान का द्योतन कराता
है, जबकि क्रिया के रूप में इसका अर्थ है- स्थापित करना। उदाहरण के लिए हम ढेरों
शैक्षिक अथवा अनुसंधान-संस्थानों का नाम देख सकते हैं, जैसे-
·
Indian
Institute of Management- भारतीय
प्रबन्ध संस्थान
·
Indian
Institute of Medical Sciences- भारतीय आयुर्विज्ञान
संस्थान
·
Indian
Institute of Technology- भारतीय
प्रौद्योगिकी संस्थान
इसके
विपरीत institution शब्द का अर्थ है संस्था। मज़े की बात यह है कि शायद ही किसी
संस्थान के नाम के साथ इसका शब्द का इस्तेमाल होता हो। इस मायने में, हम कह सकते
हैं कि institution किसी नाम-विशेष यानी व्यक्तिवाचक संज्ञा के हिस्से के रूप
में न इस्तेमाल होकर, समूहवाचक संज्ञा के रूप में इस्तेमाल होता है। सरकारी
मंत्रालयों द्वारा स्थापित संस्थाएं, वित्तीय संस्थाएं, निजी संस्थाएं, गैर सरकारी
संस्थाएं, सभी के लिए institution शब्द इसी रूप में इस्तेमाल होता है। इन संस्थाओं के
अंतर्नियम, विनियम आदि बनाए जाते हैं, विभिन्न पदाधिकारी नियुक्त अथवा नामित होते
हैं और प्रत्येक पदाधिकारी के अधिकारों, दायित्वों, संस्था के कार्य-क्षेत्र,
शक्तियों, आर्थिक स्रोतों, कार्य-कलापों आदि को बदस्तूर परिभाषित किया जाता है।
संस्था कानूनी तौर पर खुद में एक व्यक्ति की हैसियत रखती है, जिसकी शख्सियत किसी
पद विशेष में निहित होत है।
जब कोई
प्रवृत्ति बहुत व्यापक स्तर पर विस्तार पा लेती है, यानी जड़ें जमा लेती है तो हम
कहते हैं कि अमुक बात institutionalize
हो गई है, जैसे देश में भ्रष्टाचार का संस्थानीकरण हो गया
है, यानी उसका पूरा तंत्र विकसित हो चला है। उसके नियम-कायदे बन गए हैं और उन
नियम-कायदों के अनुसार ही भ्रष्टाचार का पूरा तंत्र काम कर रहा है। संस्थानीकरण का
एक गहन अर्थ यह भी है कि आप लाख चाहें तब भी उससे बच नहीं सकते। संस्थानीकृत हो
चुकी अवधारणा से किसी को निज़ात नहीं। संस्थानीकृत प्रवृत्ति सभी को अपनी ज़द में
ले लेती है। कोई उससे बरी नहीं है।
हम
अकसर सुनते हैं- विवाह की संस्था (the
institution of marriage)। इसका आशय यह
हुआ कि विवाह अपने यहाँ खूब गहरे तक रची-बसी अवधारणा है, जिसका खूब सोचा-समझा,
आजमाया हुआ और सुव्याख्यायित विधान अपने यहाँ विद्यमान है, जिसकी परिव्याप्ति प्रायः
हर नागरिक के जीवन में है। अपनी सर्व-व्याप्ति के आधार पर ही विवाह एक संस्था
है।
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