बकसुआ (वक्र सुआ- यानी- सेफ्टी पिन)
बकसुआ- वक्र सुआ यानी सेफ्टी पिन डॉ. रामवृक्ष सिंह, महाप्रबन्धक (हिन्दी) भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक, प्रधान कार्यालय, लखनऊ फोन- 7905952129 सन् 1969-70 में जब मैं दिल्ली पहुँचा, तब वह मुख्यतया पंजाबी-बहुत शहर हुआ करता था। उस समय दिल्ली में बोली जानेवाली हिन्दी में बहुत-से शब्द पंजाबी समाहित रहते थे। ये विभाजन के समय पाकिस्तान से आये पहली या दूसरी पीढ़ी के लोग थे। हमारी प्राथमिक शाला की कुछ शिक्षिकाएँ भी उन्हीं में से थीं। चूंकि वे लोग मूलतः पंजाबी भाषी थे, लेकिन औपचारिक जीवन में हिन्दी बोलते थे, इसलिए उनकी भाषा के बहुत-से शब्द भी हिन्दी में प्रचलन में आ रहे थे। उन्हीं में एक शब्द हुआ करता था- बकसुआ। बकसुआ पर्याय था सेफ्टी पिन का। पता नहीं हिन्दी में इसके समानान्तर कोई प्रतिशब्द कभी था या नहीं, किन्तु पंजाबी में तो था और उसके माध्यम से दिल्ली की हिन्दी में भी सेफ्टी पिन के लिए यह शब्द इस्तेमाल होता था। खांटी हिन्दी-भाषी समाज में सेफ्टी पिन को भी लोग पिन ही कहते थे (न कि सेफ्टी पिन), चाहे बाद में उसकी तफ्सील ही क्यों न बतानी पड़े, किन्तु पिन के अलावा कोई शब्द हिन्द...