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हाँकना बरअक्स ड्राइव करना

  ‘ हाँकना ’ बरअक्स ‘ ड्राइव करना ’ डॉ. रामवृक्ष  सिंह गुजराती में बस, ट्रक, कार, स्कूटर, मोटरसाइकिल यानी हर वाहन को ‘ हाँका ’ जाता है। ज़ाहिर है बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी को भी हाँका जाता है। अपने उत्तर प्रदेश में पशुओं को हाँका जाता है। पशु-चालित वाहनों में जुते पशुओं को तो निश्चय ही हाँका जाता है। गुजरात की सड़कों पर अकसर लिखा मिलता है- गाड़ी धीरे हाँकवा नु। यानी गाड़ी धीरे चलाएँ। ‘ मदर इण्डिया ’ फिल्म का प्रसिद्ध गीत है- ‘ गाड़ीवाले गाड़ी धीरे हाँक रे !’ इस गीत में बात गाड़ी हाँकने की हो रही है, फिर चाहे उसे बैल खींच रहे हों, या खच्चर, घोड़े, ऊँट या भैंसा। गाड़ी को नियन्त्रित करनेवाला व्यक्ति यानी चालक (गाड़ीवान, कोचवान आदि) गाड़ी में जुते पशुओं को अपनी आवाज, टिटकारी, पुचकार, चाबुक या छड़ी के माध्यम से इच्छित दिशा में, अपने गन्तव्य तक ले जाता है। यही क्रिया ‘ गाड़ी हाँकना ’ कहलाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में गाय, भैंस, बकरी आदि पशुओं को हाँकने के प्रसंग प्रायः आते हैं। दुष्ट प्रकृति के लोग अपनी पशुओं को किसी दूसरे की फसलों में हाँककर उसकी खड़ी फसल चरवा डालते हैं। वहीं ...